Poem- ये कैसा हिंदुस्तान है ?
Hindi
For the audio recitation of this poem click here https://youtu.be/HDJUXY_Ev2A
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
क्या अब भी इसमें जान है ?
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
फिर से इक बेटी नोची गयी,
फिर ख़बर बनाकर बेची गयी।
नीच हो तुम तो नोचोगे ही,
इतना तो मुझे अनुमान है।
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
एक रोग क्या फैला शहरों में,
चीख़ सुनी न बहरों ने।
इंसां को हुयी इंसान से दहशत,
हम अब भी क्या इंसान हैं ?
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
हर शहर में दंगा फैला है,
सबका ही तो मन मैला है।
हर एक को है दूजे से नफ़रत,
क्या हिन्दू , क्या मुसलमान है।
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
सड़को पर किसान है ,
मदहोश हुक्मरान है,
कहने को लब आज़ाद तो है
पर मूक है, बेज़ान है।
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
जिसके दाने से बड़े हुए,
अपने पैरों पे खड़े हुए।
उसके हक़ में कहने को भी,
हर शक्श बेज़ुबान है।
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
फेको ताज़ उखाड़ो कुर्सी,
अब नेताजी की मनाओ बरसी।
ये ही तो है सब कर्ता धर्ता,
किस बात से हम अनजान हैं ?
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
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